विस्तृत विवरण
फ़ेलीन हर्पीसवायरस (FHV-1) एक बड़ा वायरस (100~130nm व्यास) है, जिसमें ढंका हुआ और डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए होता है, जो नाभिक में फैलता है और इंट्रान्यूक्लियर समावेशन बनाता है।फ़ेलिन हर्पीस वायरस अम्लता के तहत बेहद अस्थिर है, गर्मी, ईथर, क्लोरोफॉर्म, फॉर्मेलिन और फिनोल के प्रति बहुत संवेदनशील है, और शुष्क वातावरण में 12 घंटे से अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है, इसलिए वायरस वातावरण में काफी नाजुक दिखाई देता है, और सामान्य कीटाणुनाशक प्रभावी ढंग से कीटाणुरहित किया जा सकता है।फ़ेलिन हर्पीसवायरस टाइप 1 (FHV-1) हर्पीसविरिडे परिवार में α-हर्पीस वायरस से संबंधित है, जो फ़ेलिन वायरल राइनोट्रैसाइटिस का रोगज़नक़ है और बिल्लियों और अन्य बिल्लियों में नेत्र रोगों और श्वसन रोगों का कारण बन सकता है।फ़ेलिन हर्पीसवायरस टाइप 1 जीनोम विभिन्न प्रकार के प्रोटीनों को एनकोड करता है, जिनमें से 7 ग्लाइकोप्रोटीन जीबी, जीसी, जीडी, जीजी, जीएच, जीआई और जीई की पहचान की गई है।